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अब मुझ में हिम्मत नहीं थी

 अब मुझमें हिम्मत नहीं थी किनारों तक पहुंच पाएंगे लग रहा था कश्ती डूब जाएगी आंखें भिगो चुकी थी मेरे चेहरे को चारों तरफ पानी पानी था उसे हम खुदा का चमत्कार कहते हैं जो सही वक्त पर आकर मुझे बचा लिया
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मुलाकातों का सिलसिला जारी रखना

मुलाकातों का सिलसिला जारी रखना और प्यार की इजाजत ना देना अपने दीवाने आशिक को सताना अच्छा नहीं होता इतने में वह बोल उठी- अगर तू मेरे इशारों को समझ जाता तो मेरी नजर में नादान बच्चा नहीं होता